पंचतंत्र की कहानी: ऊंट के गले में घंटी
मित्रों, हम भी अपने जीवन में ऐसी परिस्थितियों से दो-चार होते रहते हैं. कई बार किसी कार्य को करने के पूर्व या किसी समस्या के सामने आने पर उसका निराकरण करने के पूर्व ही हमारा आत्मविश्वास डगमगा जाता है और हम प्रयास किये बिना ही हार मान लेते हैं. कई बार हम एक-दो प्रयास में असफलता मिलने पर आगे प्रयास करना छोड़ देते हैं.
सभी ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है।
जहाँ गाँधी जी रहते थे वही उनके पड़ोस में एक सफाईकर्मी भी रहता था.
"लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग"
हमें गाँधी जी के इस प्रसंग से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की हम कभी भी किसी के साथ छूआछूत नहीं करेंगे. ऐसा करने पर हम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मानवता का दिल दुखाते है जो बिलकुल भी उचित नहीं.
“We are inclined to build muddle and stay stagnant once we are accomplishing the usual points,” states Julie Coraccio, lifestyle coach and owner of Reawaken Your Brilliance. “After we begin to see items differently and Go searching us we open up ourselves nearly new choices and new opportunities and will filter out panic.” It’s typically, the dread, or perhaps the Strength on the worry, she states, that’s bigger than what we even have to do and alter.
तीन शाही सलाहकार
“हाँ, यह टूटी हुई छड़ियों से बना है, जर्जर दिखता है और प्रकृति के तत्वों के लिए खुला है। यह कच्चा है, लेकिन मैंने इसे बनाया है, और मुझे यह पसंद है।
जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?
” माँ ने उत्तर दिया, “हमारे कूबड़ पानी के भंडारण के लिए हैं ताकि हम रेगिस्तान में जीवित रह सकें”।
अकबर बीरबल की कहानियाँ
यह सुनकर, पड़ोसी ने एक पत्थर को गड्ढे click here में फेंक दिया और कहा, “अगर ऐसा है तो पत्थर को बचाओ। यह उतना ही बेकार है जितना सोना आप खो चुके हैं ”।
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